बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो I
देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि, देऊ सबै मिलि मंत्र बिचारो II
जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत सँहारो I
को नहिं जानत है जगमें कपि, संकटमोचन नाम तिहारो II ७ II
भावार्थ :- हे पवनसुत हनुमानजी ! अहिरावण जब लक्ष्मणजीके साथ भगवान श्रीरामको पाताल-लोकमें उठा ले गया था और वहाँ राक्षसोंके साथ बैठकर यह विचार कर रहा था कि भलीभाँति महामाया चण्डीदेवीकी पूजा करके इनकी बलि चढ़ा दी जाय, तब आप ही वहाँ पहुँचकर सेनासहित अहिरावणका संहार करके भगवान श्रीराम और लक्ष्मणजीके सहायक बने I संसारमें ऐसा कौन है जो आपके 'संकटमोचन' नामसे परिचित नहीं है ? II ७ II
देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि, देऊ सबै मिलि मंत्र बिचारो II
जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत सँहारो I
को नहिं जानत है जगमें कपि, संकटमोचन नाम तिहारो II ७ II
भावार्थ :- हे पवनसुत हनुमानजी ! अहिरावण जब लक्ष्मणजीके साथ भगवान श्रीरामको पाताल-लोकमें उठा ले गया था और वहाँ राक्षसोंके साथ बैठकर यह विचार कर रहा था कि भलीभाँति महामाया चण्डीदेवीकी पूजा करके इनकी बलि चढ़ा दी जाय, तब आप ही वहाँ पहुँचकर सेनासहित अहिरावणका संहार करके भगवान श्रीराम और लक्ष्मणजीके सहायक बने I संसारमें ऐसा कौन है जो आपके 'संकटमोचन' नामसे परिचित नहीं है ? II ७ II
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